जो है, वह सत्य है। जो नहीं है, वह असत्य है। चूंकि असत्य का भी अस्तित्व है, इसलिए असत्य का होना सत्य है। असत्य यानी जो 'नहीं है', उसे 'है' देखा, जाना, समझा, माना या कहा जाना। ऐसे देखे, जाने, समझे, माने या कहे जाने का तो अस्तित्व है, यानी झूठ का तो अस्तित्व है। झूठ का होना सच है। यानी यह सच है कि झूठ है, भ्रम है, कल्पना है। परन्तु जो देखा, जाना, समझा, माना या कहा गया, वह सच नहीं होता। इसलिए वह असत्य है। यही झूठ का कंटेंट है।
No comments:
Post a Comment